चंबल नदी को जलीय जीवों के संरक्षण के लिए अभयारण्य घोषित किया गया है। विश्व में सर्वाधिक करीब 1800 घडिय़ाल और 500 से ज्यादा मगरमच्छ यहां स्वच्छंद विचरण करते हैंं। यदि संतुलन बिगड़ा और नदी में गिरे तो मगरमच्छ का निवाला बन सकते हैं लोग। दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कई शहरों में अंबाह, दिमनी, पोरसा, मुरैना और भिण्ड जिले के हजारों युवक काम करते हैं।
लॉक डाउन के बाद उनके कारोबार ठप होने और रहने को जगह न मिलने से वे ट्रकों में ठंसकर, ऑटो, बाइक व पैदल चलकर यहां पहुंच रहे हैं। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। तमिलनाडु के शहर तिरुचिरापल्ली से डेढ़ दर्जन लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिंह तोमर व कलेक्टर प्रियंकादास के नाम पत्र भेजा है। सबलगढ़ के ग्राम गुरेमा, ओछापुरा, वीरपुर, श्यापुर के इन लोगों ने वापसी का इंतजाम करने की गुहार की है।
लॉक डाउन के बाद उनके कारोबार ठप होने और रहने को जगह न मिलने से वे ट्रकों में ठंसकर, ऑटो, बाइक व पैदल चलकर यहां पहुंच रहे हैं। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। तमिलनाडु के शहर तिरुचिरापल्ली से डेढ़ दर्जन लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिंह तोमर व कलेक्टर प्रियंकादास के नाम पत्र भेजा है। सबलगढ़ के ग्राम गुरेमा, ओछापुरा, वीरपुर, श्यापुर के इन लोगों ने वापसी का इंतजाम करने की गुहार की है।तिरुचिरापल्ली में फंसे ग्राम गुरेमा के विकास सिंह जादौन ने मोबाइल नंबर 8770823562 से पत्रिका को बताया कि वे ५०-६० लोग यहां फंसे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन मदद नहीं कर पा रहा है। वे और उनके साथी चाहते हैं कि मुरैना जिला प्रशासन व मप्र सरकार उन्हें उनके गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था करवाए। सबलगढ़ के ही संतोष प्रजापति महाराष्ट्र के पुणे में 50 साथियों के साथ फंसे हैं।
