जोधपुर के ईसाइयों के कब्रिस्तान निवासी लिखमाराम भादू की तीन बेटियों का विवाह 29 मार्च को प्रस्तावित था। इस बीच कोरोना वायरस के कारण बिगड़ते हालात काबू करने के लिए देश में 24 मार्च से 21 दिन के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया। ऐसे में लिखमाराम ने अपनी बेटियों का विवाह स्थगित करने के लिए लड़के वालों से बात की। दो लड़के वाले तो तैयार हो गए, लेकिन कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड निवासी जियाराम को घी पिला विवाह की रस्में शुरू कर दी गई थी।
ऐसे में सामाजिक मान्यता के अनुसार उसका विवाह टाला नहीं जा सकता था। इस पर सभी ने तय किया कि एक बेटी संतोष की शादी पूर्व निर्धारित तिथि को होगी। इस पर बगैर किसी धूम धड़ाके के। दूल्हे के साथ दो बाराती कल शाम एक कार में सवार होकर पहुंचे। सादगी के साथ दोनों के विवाह की रस्में पूर्ण की गई। बाद में आपसी सहमति से तय हुआ कि दुल्हन की विदाई बाद में उसकी दो अन्य बहनों की शादी के समय एक साथ की जाएगी। ऐसे में दुल्हन को साथ लिए बगैर दूल्हा अकेला ही वापस लौट गया। शादी की कई रस्मों के दौरान दूल्हा-दुल्हन मास्क लगाकर बैठे रहे। कुछेक अवसर पर मास्क को हटाया गया।


