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12 साल के पाकिस्तानी बच्चे के लिये भारत-पाक ने तोड़ दिए अपने प्रोटोकोल, पिता बोले – भारत महान, आखिर क्यों? वजह जानकर रह जाओगे हैरान

सा‌बिह के पिता शिराज अरशद ने सीमा पर पाकिस्तान जाने के लिये भारतीय इमीग्रेशन अधिकारियों को बहुत समझाया, परंतु सफलता नहीं मिली। अरशद ने कहा कि बॉर्डर क्रोस करने के लिये मैंने अधिकारियों की मदद मांगी। मैंने अपने बेटे की हार्ट सर्जरी की पूरी हकीकत बयान की। परंतु बात नहीं बनी क्योंकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 40 कश्मीरी लड़कियों को भारत भेजने से इंकार कर दिया था।

अटारी बॉर्डर पर भारतीय सुरक्षा अधिकारी ने शिराज से कहा कि वे पाकिस्तानी इमीग्रेशन अधिकारियों से बात करें, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला। तभी शिराज को किसी ने कहा कि वह पाकिस्तान के एक पत्रकार का संकर्प करें और उन्हें अपनी आपबीती सुनाएं। उसके बाद पाकिस्जानी पत्रकार ने अमृतसर के एक पत्रकार रविंदर सिंह रोबिन से बात की और सा‌बिह व उसके परिवार को मदद का आग्रह किया। रविंदर अटारी बॉर्डर पहुंचा लेकिन तब तक इमीग्रेशन अधिकारी लौट चुके थे। रविंदर इस पाकिस्तानी परिवार को अपने घर ले गया और वहीं उनके ठहरने की व्यवस्था की।
अगले दिन रविंदर ने सा‌बिह के परिवार को मदद के लिये भारतीय अधिकारियों से बात की। दूसरी ओर पाकिस्तानी पत्रकार ने भी अपनी ओर पाकिस्तानी विदेश सचिव से बात की। इस पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग को निर्देश दिया कि पाकिस्तानी परिवार को वापस स्वदेश लौटाने के लिये भारतीय प्रशासन से बात की जाए। पाकिस्तानी उच्चायोग के अनुरोध पर भारतीय अधिकारियों ने सीमा पार करने के लिये सा‌बिह और उसके परिवार को विशेष पास बनाकर दिया।

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